'कुछ दिन पहले ही स्टडी आई थी कि महीने में एक बार सेक्स करने की तुलना में सप्ताह में दो बार सेक्स करने वाले पुरुषों को दिल के दौरा पड़ने का खतरा कम होता है। हालांकि, यह भी फैक्ट है कि सेक्स के कारण किसी को हार्ट अटैक भी आ सकता है। सप्ताह में दो बार सेक्स को तो स्टडी भी अच्छा मानती है लेकिन कई कपल्स सेक्स लाइफ को इंजॉय करने के लिए दिन में भी कई बार इसे करते हैं। यह चीज दिल पर प्रेशर बढ़ाती है। सेक्स लाइफ में तड़का लगाने के लिए कपल्स नई पोजिशन्स ट्राई करते हैं लेकिन इनमें से कई काफी खतरनाक होती हैं जिससे ब्लड फ्लो बिगड़ जाता है और दिल पर दबाव बढ़ने लगता है। बेहतर यही है कि सेक्स पोजिशन्स को लेकर थोड़ा एहतियात बरतें।'
'ल्यूकेरिया (Likoria)की समस्या में यूरिन से चिपचिपा व्हाइट डिस्चार्ज निकलता है यह बदबूदार भी होता है. यदि थोड़ा बहुत व्हाइट डिस्चार्ज हो तो यह परेशानी वाली बात नहीं है, लेकिन यदि कई दिनों तक इस प्रकार का डिस्चार्ज हो रहा है तो यह चिंताजनक बात हो सकती है.'
'पहली बार सेक्स के दौरान लड़कियों को अपने प्राइवेट पार्ट में दर्द महसूस होता है। समय के साथ यह दर्द कम हो जाता है और कपल नई पोजिशन्स तक इंजॉय कर पाता है। लेकिन आखिर पहली बार सेक्स के दौरान लड़कियों को दर्द होता क्यों है? अगर आपको भी इसकी वजह नहीं पता है तो यहां जानें इसके बारे में:'
'पहली बार सेक्सकरना जीवन के सबसे बड़े अनुभवों में से एक है। जाहिर है इसे लेकर आपके मन में हर तरह की भावनाएं होती हैं। एक्साइटमेंट तो होता ही है लेकिन डर भी रहता है। डर होता है कि कहीं कोई गलती न हो। पहली बार सेक्स करने वाले अक्सर अनुभव की कमी के कारण कुछ गलतियां कर जाते हैं। यहां जानिए क्या हैं ये गलतियां और उनसे बचिए। कई बार तो ऐसा होता है कि जो लोग कई बार सेक्स कर चुके हैं वे भी ये गलतियां करते रहते हैं इसलिए ये जानकारी उनके लिए भी अहम है ...'
'कुछ महिलाएं एक बार के प्रयास में ही प्रेग्नेंट हो जाती हैं जबकि कुछ महिलाएं काफी प्रयास के बाद कंसीव कर पाती हैं. तमाम कोशिशों के बाद भी प्रेग्नेंसी ना हो पाने से ज्यादातर महिलाएं एक तरह के दबाव में आ जाती हैं. हेल्थ एक्सपर्ट कहते हैं कि एक तय समय में सेक्स करने से प्रेग्नेंसी की संभावना बढ़ जाती है. ओव्यूलेशन के बाद ही प्रेग्नेंसी संभव होती है. ओव्यूलेशन तब होता है जब महिलाओं की ओवरी से एग्स रिलीज होते हैं. ये एग स्पर्म से फर्टिलाइज होने के बाद प्रेग्नेंसी की स्थिति बनाते हैं. जब ये एग रिलीज होते हैं, अगर उस वक्त महिलाओं के फैलोपियन ट्यूब में स्पर्म मौजूद हों तो इसकी पूरी संभावना है कि एग फर्टिलाइज हो जाएगा और आप प्रेग्नेंट हो सकती हैं. हालांकि, ज्यादातर महिलाओं को ओव्यूलेशन के समय की सही जानकारी नहीं होती है.'