'बहुत साल पहले, एक ऊँचे चबूतरे पर एक राजकुमार की मूर्ति थी। वह मूर्ति कई कीमती पत्थरों से सजाई गई थी। एक दिन एक चिड़िया उसके नीचे आराम करने के लिए बैठी। '
'गर्मियों के दिन थे। एक मैदान में एक टिड्डा अपनी ही मस्ती में झूम-झूम कर गाना गा रहा था। तभी उधर से एक चींटी गुजरी। वह एक मक्के का दाना उठाकर अपने घर ले जा रही थी।'
'एक बार एक लोमड़ी और एक गधे में दोस्ती हो गई। दोनों ने मिलकर आपस में एक समझौता किया। उन्होंने सदा एक दूसरे की सहायता करने का वादा किया। एक दिन दोनों साथ मिलकर भोजन ढूँढने के लिए जंगल में गए।'
'एक समय की बात है… एक नीलकंठ ने मोरों को नाचते हुए देखा। वह उनके सुंदर पंखों से मोहित हो गया। वह घूमता-घूमता मोरों के रहने की जगह पहुँचा। वहाँ उसने मोरों के ढेर सारे पंख गिरे हुए देखे। नीलकंठ ने सोचा कि यदि मैं इन पंखों को लगा ले तो मैं भी मोरों की तरह सुंदर बन जाऊँगा। यह सोचकर उसने सभी पंखों को उठाया और अपनी पूँछ के चारों ओर रखकर बाँध लिया। फिर ठुमकता हुआ वह मोरों के बीच पहुँचा और उन्हें घूम-घूमकर दिखाने लगा। मोरों ने उसे पहचान लिया और चोंच से मारना शुरु कर दिया।'